वाराणसी के मां शृंगार गौरी प्रकरण के बीच बुधवार को ज्ञानवापी से संबंधित एक नए मुकदमे पर सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में सुनवाई होगी। यह मुकदमा विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन की पत्नी किरन सिंह ने दाखिल किया है। इस मुकदमे की सुनवाई दोपहर दो बजे से होगी।

ज्ञानवापी प्रकरण से संबंधित नया मुकदमा दर्ज करने वाली किरण सिंह के साथ उनके पति जितेंद्र सिंह बिसेन हैं।
आइये देखते हैं क्या है वो मांगें…
1- पूरा ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपा जाए
2- ज्ञानवापी परिसर में भगवान विश्वेश्वर की नियमित पूजा के इंतजाम किए जाए
3- ज्ञानवापी परिसर में मुसलमानों की एंट्री पर पूरी तरह पाबंदी लगे
4- मस्जिद के गुंबद के ध्वस्तीकरण के आदेश जारी किए जाएं

इस मुकदमे को सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि दिवाकर ने सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया है और सुनवाई के लिए आज दोपहर 2 बजे का वक्त तय किया गया है. ये वहीं जज हैं जिन्होंने ज्ञानवापी में सर्वे का आदेश दिया था.
मुकदमे में हैं तीन प्रमुख मांगें
जितेंद्र सिंह बिसेन के अनुसार किरण सिंह ने भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान को लेकर मुकदमा दाखिल किया है। गोंडा जिले की रहने वाली किरण सिंह विश्व वैदिक सनातन संघ की अंतरराष्ट्रीय महामंत्री हैं। मुकदमे के माध्यम से अदालत से उन्होंने मांग की है कि ज्ञानवापी परिसर में तत्काल प्रभाव से मुस्लिम पक्ष का प्रवेश प्रतिबंधित हो। ज्ञानवापी का संपूर्ण परिसर हिंदुओं को सौंपा जाए। इसके अलावा भगवान आदि विश्वेश्वर स्वयंभू ज्योतिर्लिंग जो अब सबके सामने प्रकट हो चुके हैं, उनकी नियमित पूजा-पाठ शुरू करने की अनुमति दी जाए।

जितेंद्र सिंह बिसेन का कहना है कि ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिली पत्थर की यह संरचना शिवलिंग है। उन्हें तत्काल इसकी पूजा करने का अधिकार दिया जाए।
जितेंद्र सिंह बिसेन ने बताया कि अदालत ने हमारा मुकदमा स्वीकार कर लिया है। हमारे मुकदमे पर विपक्षियों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है। हमारी विशेष मांग थी कि भगवान आदि विश्वेश्वर की पूजा-पाठ का आदेश दिया जाए, उस पर सुनवाई के लिए 25 मई की तिथि निर्धारित की गई है।

मां शृंगार गौरी प्रकरण से संबंधित मुकदमे की सुनवाई पहले सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट में हो रही थी। अब जिला जज की अदालत में सुनवाई हो रही है।
प्रतिवादियों की संख्या सरकार सहित पांच है
किरण सिंह के अधिवक्ता मानबहादुर सिंह और अनुष्का त्रिपाठी के अनुसार इस मुकदमे में UP सरकार, DM, पुलिस कमिश्नर, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को पक्षकार बनाया गया है। ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग पाए जाने के दावे के बाद दर्शन-पूजन, राग-भोग और पूजा का अधिकार मांगा गया है।
