नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी सांसद राहुल गांधी को समन भेजा है. ये समन नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भेजा गया है. 2015 में एजेंसी ने इसकी जांच बंद कर दी. लेकिन अब फिर से इस मामले में कांग्रेस के दोनों सबसे बड़े नेताओं को समन भेजा गया है. पीटीआई भाषा ने अधिकारियों के हवाले ये जानकारी दी है.
वहीं ईडी की इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि हमारी अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नोटिस दिया गया है. 1942 में जब नेशनल हेराल्ड अखबार शुरू हुआ था, उस समय अंग्रेजों ने इसे दबाने की कोशिश की, आज भी यही किया जा रहा है और इसके लिए ईडी का इस्तेमाल किया जा रहा है.

कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने सरकार पर बदले की कार्रवाई का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘ना हम डरेंगे और ना झुकेंगे नहीं, डटकर लड़ेंगे. यह एक राजनीतिक लड़ाई है. समन कुछ दिन पहले भेजा गया था. जरूरत हुई तो सोनिया गांधी निश्चित रूप से जाएंगी और राहुल गांधी के लिए हम कुछ समय मांगेंगे. ईडी ने उन्हें 8 जून से पहले पूछताछ के लिए बुलाया है.’ सुरजेवाला ने दावा किया कि न तो मनी लॉन्ड्रिंग और न ही मनी एक्सजेंच का कोई सुबूत है.
वहीं कांग्रेस नेता अभिषेक मनु संघवी ने आरोप लगाया कि महंगाई और बेरोजगारी से आम जनता का ध्यान भटकाने के लिए केंद्र के इशारों पर यह सब किया जा रहा रहा है. कांग्रेस या उसके नेता इससे डरने वाले नहीं हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी 8 जून को ईडी दफ्तर जाएंगी.
समझिए पूरा मामला
बता दें कि नेशनल हेराल्ड अखबार पर कांग्रेस पार्टी का मालिकाना हक है और वही इसे चलाती है. 1937 में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड बनाया था, जिसने तीन अखबार निकालने शुरू किए. हिंदी में नवजीवन, उर्दू में कौमी आवाज़ और अंग्रेज़ी में नेशनल हेराल्ड. साल 2008 आते-आते एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) ने फैसला किया कि अब वह अखबार नहीं छापेगा. एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड पर 90 करोड़ का कर्ज चढ़ चुका था.
आरोप है कि साल 2010 में कांग्रेस ने 50 लाख के निवेश से यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक नॉट-फॉर-प्रॉफिट कंपनी बनाई, जिसमें 76% हिस्सेदारी राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी की थी. बाकी 24% की हिस्सेदारी मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस की थी, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं. वित्तीय चुनौतियों से जूझ रहे एजेएल का अधिग्रहण यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (YIL) ने किया था. सुमन दुबे और टेक्नोक्रेट सैम पित्रोदा YIL के निदेशक थे.
सुब्रमण्यम स्वामी पहुंचे अदालत
साल 2012 में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अदालत में एक जनहित याचिका दाखिल की. उन्होंने कांग्रेस पर नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाली कंपनी एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड के अधिग्रहण में धोखाधड़ी का आरोप लगाया. सुब्रमण्यम स्वामी ने जनहित याचिका में दावा किया कि मात्र 50 लाख रुपये खर्च करके 90 करोड़ रुपयों की वसूली कर ली गई. इनकम टैक्स एक्ट के हिसाब से कोई भी राजनीतिक पार्टी किसी थर्ड पार्टी के साथ पैसों का लेन-देन नहीं कर सकती.
स्वामी ने कोर्ट में कहा कि कांग्रेस ने पहले यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को 90 करोड़ का लोन दिया, जिस पैसे से इस कंपनी एजेएल का अधिग्रहण किया, फिर अकाउंट बुक्स में हेर-फेर करके उस रकम को 50 लाख दिखा दिया यानी 89 करोड़ 50 लाख रुपये माफ कर दिए गए.
इन नेताओं से भी हुई पूछताछ
वहीं आयकर विभाग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि राहुल गांधी को यंग इंडिया में शेयरों से 154 करोड़ रुपये की आय होगी, न कि लगभग 68 लाख रुपये, जैसा कि पहले मूल्यांकन किया गया था. आयकर विभाग ने असेसमेंट इयर 2011-12 के लिए यंग इंडिया को 249.15 करोड़ रुपये का डिमांड नोटिस जारी किया था. नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग के इस पूरे मामले में ईडी ने अप्रैल में कांग्रेस के बड़े नेताओं से पूछताछ की थी, जिनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल और मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल थे.